मेरी रूह खुदा की प्यासी है - (2)
जैसे हिरनी पानी के नालो को तरसती है
मेरी रूह खुदा की प्यासी है - (2)
रात और दिन आंसू बहते है
दुनिया वाले सब कहते है
है कौन कहा है तेरा खुदा
क्यों है इतना बेचैन ये दिल
क्यों जान ये गिरती जाती है
होगा किस दिन दीदार तेरा
कब होगा मिलना रु-बरु
मेरी रूह ....
मेरी रूह खुदा की प्यासी है - (2)
येरदान की ज़मीं से गाऊंगा
कोहे मिज्गार से गाऊंगा
गहराओं से गहराओं तक
रात और दिन होगा तेरा करम
मै गीत दुआ के गाऊंगा
वो मुझ पे करे आपनी रहमत
है मेरी बस ये आरजू
मेरी रूह
मेरी रूह खुदा की प्यासी है -( 2)
दुश्मन की मलामत पीर सी है
क्यों उसके ज़ुल्म का शोक करूँ
चट्टान है मेरी मेरा खुदा
वो मुझ से ये हरदम कहते है
है कौन कहाँ है तेरा खुदा
होगा किस दिन दीदार तेरा
मेरे टूटे दिल की आस है तू
मेरी रूह ....
मेरी खुदा की प्यासी है -(2)
जैसे हिरनी पानी के नालो को तरसती है
मेरी रूह खुदा की प्यासी है -(2)
Meri ruh Khuda ki pyasi hai - (2)
jaise hirni pani ke nalo ko tarasti hai
Meri ruh Khuda ki pyasi hai - (2)
Raat aur din aansu behte hai
duniya wale sab kehte hai
hai kaun kaha hai tera khuda
kyo hai itna bechain ye dil
kyo jaan ye girti jaati hai
hoga kis din deedaar tera
kab hoga milna rubaru
meri ruh....
Meri ruh Khuda ki pyasi hai -(2)
Yerda ki zami se gaunga
kohe mizgaar se gaunga
gehraaoon se gehraoon tak
rat aur din hoga tera karam
mai geet dua ke gaunga
wo mujh pe kare meri rehmat
hai meri bus ye aarzoo
meri ruh
Meri ruh Khuda ki pyasi hai - (2)
Dushman ki malamat peer se hai
kyo uske zulm ka shok karun
chattan hai meri mera khuda
wo mujh se ye herdam kehte hai
hai kaun kaha hai tera khuda
hoga bkis din deedaar tera
mere tute dil ki aas hai tu
meri ruh....
Meri ruh Khuda ki pyasi hai - (2)
jaise hirni pani ke nalo ko tarasti hai
Meri ruh Khuda ki pyasi hai -( 2)
जैसे हिरनी पानी के नालो को तरसती है
मेरी रूह खुदा की प्यासी है - (2)
रात और दिन आंसू बहते है
दुनिया वाले सब कहते है
है कौन कहा है तेरा खुदा
क्यों है इतना बेचैन ये दिल
क्यों जान ये गिरती जाती है
होगा किस दिन दीदार तेरा
कब होगा मिलना रु-बरु
मेरी रूह ....
मेरी रूह खुदा की प्यासी है - (2)
येरदान की ज़मीं से गाऊंगा
कोहे मिज्गार से गाऊंगा
गहराओं से गहराओं तक
रात और दिन होगा तेरा करम
मै गीत दुआ के गाऊंगा
वो मुझ पे करे आपनी रहमत
है मेरी बस ये आरजू
मेरी रूह
मेरी रूह खुदा की प्यासी है -( 2)
दुश्मन की मलामत पीर सी है
क्यों उसके ज़ुल्म का शोक करूँ
चट्टान है मेरी मेरा खुदा
वो मुझ से ये हरदम कहते है
है कौन कहाँ है तेरा खुदा
होगा किस दिन दीदार तेरा
मेरे टूटे दिल की आस है तू
मेरी रूह ....
मेरी खुदा की प्यासी है -(2)
जैसे हिरनी पानी के नालो को तरसती है
मेरी रूह खुदा की प्यासी है -(2)
Meri ruh Khuda ki pyasi hai - (2)
jaise hirni pani ke nalo ko tarasti hai
Meri ruh Khuda ki pyasi hai - (2)
Raat aur din aansu behte hai
duniya wale sab kehte hai
hai kaun kaha hai tera khuda
kyo hai itna bechain ye dil
kyo jaan ye girti jaati hai
hoga kis din deedaar tera
kab hoga milna rubaru
meri ruh....
Meri ruh Khuda ki pyasi hai -(2)
Yerda ki zami se gaunga
kohe mizgaar se gaunga
gehraaoon se gehraoon tak
rat aur din hoga tera karam
mai geet dua ke gaunga
wo mujh pe kare meri rehmat
hai meri bus ye aarzoo
meri ruh
Meri ruh Khuda ki pyasi hai - (2)
Dushman ki malamat peer se hai
kyo uske zulm ka shok karun
chattan hai meri mera khuda
wo mujh se ye herdam kehte hai
hai kaun kaha hai tera khuda
hoga bkis din deedaar tera
mere tute dil ki aas hai tu
meri ruh....
Meri ruh Khuda ki pyasi hai - (2)
jaise hirni pani ke nalo ko tarasti hai
Meri ruh Khuda ki pyasi hai -( 2)