धन्यवाद के साथ उसके चरणो में
आराधना करते हुएं
तन मन के साथ उसके चरणो में
स्तुति करते हुएं,
यीशु ही प्रभु हैं---2
जीवन का सोता नदी सा बहता
मधु से मिठा हैं वो
बंजर जमीं को हरा वो करता
सुखदाई झरना हैं वो
ज्ञान का सोता वचन को भेजकर
चंगाई देता हैं वो
रोगों से मुक्ति जीने की शक्ति
जिं द़गी ता हैं वो
आराधना करते हुएं
तन मन के साथ उसके चरणो में
स्तुति करते हुएं,
यीशु ही प्रभु हैं---2
जीवन का सोता नदी सा बहता
मधु से मिठा हैं वो
बंजर जमीं को हरा वो करता
सुखदाई झरना हैं वो
ज्ञान का सोता वचन को भेजकर
चंगाई देता हैं वो
रोगों से मुक्ति जीने की शक्ति
जिं द़गी ता हैं वो
Dhanyvaad ke saath uske charno men
Aaraadhnaa karte huan
Tan man ke saath uske charno men
Stuti karte huan,
Yishu hi prabhu hain---2
Jivan kaa sotaa nadi saa bahtaa
Madhu se mithaa hain vo
Banjar jamin ko haraa vo kartaa
Sukhdaai jharnaa hain vo
Jyaan kaa sotaa vachan ko bhejakar
Changaai detaa hain vo
Rogon se mukti jine ki shakti
Jin dgi taa hain vo
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