मेरी लाश करे तूने जान दी
मुझे बख्श दी नयी जिन्दगी।
तेरा शुक्रिया ऐ मेरे मसीह
तेरी मौत है मेरी जिन्दगी।
1. मैं गुनाहोें को ओढ़े कफन
अपनी खताओं में था दफ़न।
जब जिन्दगी मेरी मौत थी
तूने बख्श दी है सलामती।
2. भटका फिरा मैं फिक्र से
लिया काम तूने है सब्र से।
अपनों ने जब बेगाने की
तब तू हुआ है मेरा मसीह।
मुझे बख्श दी नयी जिन्दगी।
तेरा शुक्रिया ऐ मेरे मसीह
तेरी मौत है मेरी जिन्दगी।
1. मैं गुनाहोें को ओढ़े कफन
अपनी खताओं में था दफ़न।
जब जिन्दगी मेरी मौत थी
तूने बख्श दी है सलामती।
2. भटका फिरा मैं फिक्र से
लिया काम तूने है सब्र से।
अपनों ने जब बेगाने की
तब तू हुआ है मेरा मसीह।
Meri laash akre tune jaan di
mujhe bakhsh di nyi jindgi।
teraa shukriyaa ai mere msih
teri maut hai meri jindgi।
1. Main gunaahoen ko odhe kaphan
Apni khtaaon men thaa dfan।
jab ajindgi meri maut thi
Tune bakhsh di hai slaamti।
2. Bhatkaa phiraa main phikr se
Liyaa kaam tune hai sabr se।
Apnon ne jab begaane ki
Tab tu huaa hai meraa msih।
No comments:
Post a Comment