कलवरी के पास खड़ा हो,
खुन की धार को देखता जा।
तेरे पापों का यही दाम,
दिया है मसीह यीशु ने।
1.हर एक आँख उसे देखेगी ,देखेगी
बादलों पर आते हुए।
छेदा था जिन्होंने उसे,
छाती पीटकर सिजदा करेंगे।
(हर एक आँख)
2 ये हुआ सब तेरे लिए ,
तुने भी उसे छेदा था।
फिर भी प्यार से वह बुलाता ,
जाता क्यों नही उसके पास।
(हर एक आँख)
3 ए नादान क्यों जाता उदास,
कर कबुल चश्में में नहा।
सारे दाग मिटा पापों के,
रहेगा आराम खुशी से।
(हर एक आँख)
4 जल्दी वक्त गुजरता जाता है,
रात अंधेरी आती है।
तौबा का दरवाजा होगा बन्द,
कुछ न होगा फिर पछताने से।
(हर एक आँख)
5 कबर का वह तौड़कर बन्ध,
उपर गया भेजा रूह-ए-पाक।
तूम्हे लेने जल्दी आता है,
हो तैयार उससे मिलने को।
(हर एक आँख)
Kalavri ke paas khada ho,
Khoon ki dhaara ko dekhta jaa।
Tere paapon ka yahi daam,
Diyaa hai msih yishu ne।
1 .Har ek aankh use dekhegi ,dekhegi
Badlon par aate huye।
Chedda tha jinhone use,
Chaati pitakar shajda krenge।
2 Ye hua sab tere liye ,
Tune bhi use chedda tha।
Phir bhi pyaar se wo bola tha ,
jata kyun nhi tu uske paas।
3 A nadaan akyon jaataa udaas,
Kar akabul achashmen men nhaa।
Saare daag amitaa paapon ke,
Rahegaa araam akhushi se।
4 Jaldi waqt guzarta jata hai,
Raat andheri aati hai।
Touba kar darwaza hoga band,
Kuch na hoga phir pachtane se।
5 Kabar ka wah todkar banndh,
Upar gyaa bheja ruh-aye-paak
Tumhe lene jaldi ataa hai,
Ho taiyaar usse milne ko।
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