शुन्य से लेके तू ने मुझे ,
रच लिया अपने ही रूप में।
प्रेम किया है अनन्त प्रेम से ,
दिया पुत्र मेरे मुक्ति के लिए।
अनोखा प्यार है तेरा ,
करूंगा स्तुति तेरी में सर्वदा।
1 जग मे आया यीशु स्वर्ग छोड़ के,
मेरा सारा दण्ड सह लिया उसने।
कोड़े खा के क्रुस उठा के यीशु ने
मुझे मुक्ति और चंगाई दे दी है।
2 अन्न,वस्त्र ओर सभी आशीषें,
दी मुझे उसने भरपूरी से।
खतरों और सब मुसीबतों से,
आँंख की पुतली जैसे सम्भाला मुझे।
Shuny se leke tu ne mujhe ,
rach aliyaa apne hi rup men।
prem akiyaa hai anant aprem se ,
diyaa putr mere mukti ke lia।
anokhaa pyaar hai teraa ,
karungaa stuti teri men sarvdaa।
1 Jag me aayaa yishu svarg chhod ke,
meraa saaraa dand asah aliyaa usne।
kode khaa ke krus uthaa ke yishu ne
mujhe mukti aur achangaai de di hai।
2 Ann,vastr or asbhi aashishen,
di mujhe usne bharpuri se।
khatron aur asab amusibton se,
aannkh ki putli jaise sambhaalaa mujhe।
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